दोस्तों आप सब को पता ही होगा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो कंप्यूटर के बारे में अच्छी जानकारी नहीं रख पाते हैं आपको यह भी पता ही होगा कि कंप्यूटर का अविष्कार मनुष्य के द्वारा ही एक बहुमुखी इलेक्ट्रॉनिक मशीन के रूप में हुआ है कंप्यूटर का अन्य हिंदी नाम अगर आप देखने जाए तो उसका नाम संगणक के रूप में देखा जाता है और आजकल कंप्यूटर का इस्तेमाल तो हर क्षेत्र में होने लगा है जैसे स्कूल कॉलेज कॉरपोरेट ऑफिस और सरकारें भी इसका इस्तेमाल करने लगी है
ऐसी बहुत सारी चीजें आपने देखी होंगी कि 1 दिन में करते-करते पूरी कंप्यूटर पर लोग निर्भर हो जा रहे हैं और तो और कंप्यूटर एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के हिसाब से चलती है और आपने यह भी देखा होगा कि पहले कंप्यूटर का उपयोग बहुत ही कठिनाइयों से करना पड़ता था और इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा वैज्ञानिक ही करते थे तब के जमाने में काफी महंगाई तो नहीं बोल सकते हैं लेकिन उस समय काफी कंप्यूटर में हल्ला हुआ करता था
और आज के समय में तो एडवांस में मल्टीकंप्यूटर आ चुके हैं मुख्य रूप से अगर देखे तो कंप्यूटर का काम होता है किसी चीज को इनपुट के तौर पर लेना और उसको प्रोसेस करना उसके बाद जो यूजर है उसको रिजल्ट के तौर पर आउटपुट को दिखाना यही इसका मुख्य काम है
आपने बहुत सारे लेख पढ़े होंगे उसमें काफी कॉम्प्लिकेटेड तरीके से बताया जाता है लेकिन इस लेख में काफी आसानी भाषा में आपको बताया जाएगा पिछले पर बनी रहे आप
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?
दोस्तों को कंप्यूटर का नाम तो नहीं है लेकिन यह एक लाइटिंग से आ गया है कंप्यूटर जिसका माने तो यह कैलकुलेशन के लिए ही इसका नाम कैंप्यूटर पड़ा यानी किसी चीज को अकाउंट करके उसके गणना को बताना या फिर आप यह भी कह सकते हैं कि कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिस तेजी से कैलकुलेशन के लिए किया जाता है
कुछ लोगों का मानना है कि फुल फॉर्म है जैसे कि ऑपरेटिंग मशीन
कंप्यूटर कैसे काम करता है?How Does Computer Works?
एक कंप्यूटर में यूजर इनपुट डिवाइस में कमांड देने के बाद यह सीपीयू में रो डाटा को प्रोसेस करता है प्रोसेस करने के बाद एक कैलकुलेशन करता है उसे यूजर को आउटपुट के तौर पर रिजल्ट बताता है और दोस्तों यह लिस्ट पूरा हिंदी में है तो आप आसान भाषा में समझ सकते हैं
कंप्यूटर के प्रकार?
दोस्तों कंप्यूटर कैसे डिवाइसेज डाटा को प्रोसेस करने के बाद उसके जो महत्वपूर्ण इंफॉर्मेशन है उसको विभिन्न तरीके से प्रोसेस करने के बाद जो यूजर है उसको रिजल्ट के तौर पर पर्फेक्ट जानकारी बताता है और उसके अंदर मशीन की तरह से कैलकुलेट करने की क्षमता भी होते हैं हम उसे कंप्यूटर की श्रेणी में रखते हैं बस उसका उद्देश्य है कि वह किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहता है और वह मशीन लैंग्वेज को समझता है
- यह डाटा हैंडलिंग शंकर के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं
- एनालॉग कंप्यूटर
- डिजिटल कंप्यूटर
- हाइब्रिड कंप्यूटर
साइंस के आधार पर देखने जाए तो इसके 5 प्रकार होते हैं
- सुपर कंप्यूटर
- मेनफ्रेम कंप्यूटर
- मिनी कंप्यूटर
- वर्क स्टेशन कंप्यूटर
- पर्सनल कंप्यूटर
एनालॉग कंप्यूटर:-दोस्त थोड़ी थोड़ी जानकारी इन कंप्यूटरों के बारे में आपको बताऊंगा जैसे कि एनालॉग कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण वर्ग है जिसमें फिजिकल कैलकुलेशन किया जाता है इसमें टेंपरेचर प्रेशर और इलेक्ट्रॉनिक BOLT कैलकुलेट करने जैसी मशीनों को एनालॉग कंप्यूटर कहा जाता है लोकेंद्र सिस्टम बहुत ही पुरानी प्रणाली के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और इलेक्ट्रिकल हाइड्रॉलिक्स आदि जैसे इक्विपमेंट के रूप में इस्तेमाल की जाती है
डिजिटल कंप्यूटर:-दोस्तों डिजिटल कंप्यूटर का प्रचलन जो आजकल चल रहा है डिजिटल कंप्यूटर इंफॉर्मेशन को बाइनरी नंबर में प्रोसेस करता है और उसको रिजल्ट के तौर पर यूजर को देता है जैसे कि 0,1 और यह प्रत्येक अंग को एक बीज के रूप में जाना जाता है क्योंकि डिजिटल मशीन सिर्फ बाइनरी नंबर ही समझ पाते हैं जब हम कंप्यूटर के बारे में बात करते हैं तो हम ज्यादातर डिजिटल प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक मशीन का उल्लेख करते हैं
हाइब्रिड कंप्यूटर:-हाइब्रिड कंप्यूटर इन कंप्यूटर को कहा जाता है जो लोग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की विशेषताओं को प्रदर्शित करता है डिजिटल कंप्यूटर और कंप्यूटर का एक मिश्रण होता है इस कंप्यूटर के डिजाइन का मुख्य उद्देश्य बहुत ही कठिन कैलकुलेशन को रिजल्ट के तौर पर करना होता है हाइब्रिड कंप्यूटर में डिजिटल प्लांट का काम होता है लॉजिकल और टेक्निकल कैलकुलेशन को हल करना इस कंप्यूटर का मुख्य तौर पर रक्षा एयरलाइन जहाज सीमेंट कारखाना ऐसी जगहों पर किया जाता है
सुपर कंप्यूटर:-अगर साइंस के आधार पर हम देखने जाएं तो सबसे पहला कंप्यूटर मैं नाम इसका ही आता है सुपर कंप्यूटर का यह बहुत बड़े और तेज गति से होते हैं यह डाटा प्रोसेसिंग के मामले में बहुत तेज होते हैं और सुपर कंप्यूटर इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वह बड़ी मात्रा में डाटा को प्रोसेस करें और यूजर को आउटपुट के तौर पर दें सुपर कंप्यूटर जटिल से जटिल किसी भी काम को कोशिश करके मिंटू में यह रिजल्ट दिखा देता है
मेनफ्रेम कंप्यूटर:-दोस्तों मेनफ्रेम कंप्यूटर का अगर आपको डिजाइन या फिर बनावट देखनी हो तो यह कंप्यूटर एक ही समय में कोरिया हजारों उपयोगकर्ताओं पर डाटा को ले सकता है यह एक साथ कई प्रोग्राम को सपोर्ट करता है इसलिए विभिन्न प्रक्रियाओं को निष्पादित कर सकते हैं ऐसे सभी फीचर्स होने के कारण मेनफ्रेम कंप्यूटर को बैंकिंग टेलीकॉम सेक्टर आज जैसी बड़ी कंपनियों के लिए उपयोग में लाया जाता है अगर दिल करे जाए तो यह सुपर कंप्यूटर के बाद सबसे महंगा कंप्यूटर की कैटेगरी में आता है
मिनी कंप्यूटर:-मिनी कंप्यूटर कम खर्चा हो छोटे कंप्यूटर होते हैं मेनफ्रेम और सुपर कंप्यूटर इतने तीर नहीं होते हैं इसका उपयोग छोटे-मोटे व्यवसाय के लोग ही करते हैं इन कंप्यूटरों का इस्तेमाल कम डाटा को PROCESS करने के लिए किया जाता है मिनी कंप्यूटर का इस्तेमाल छोटे-मोटे अकाउंटिंग ऐसे इन्वेंटरी मैनेजमेंट जैसे बिलिंग हो गया या फिर स्कूल में किया जाता है|